सावधानी बरत अन्य लोगों में टीबी फैलने से रोका जा सकता है
सासाराम। भारत सरकार ने वर्ष 2025 तक देश से टीबी उन्मूलन का लक्ष्य रखा है। इस संकल्प को पूरा करने के लिए प्रत्येक स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए सरकार ने सभी राज्य सरकार के माध्यम से प्रत्येक जिले को उन्मूलन अभियान को सफल बनाने में सहयोग करने के लिए अपील की है। इसी अभियान को सफल बनाने के लिए रोहतास जिले में भी लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। जिले में प्रति महीने 150 से अधिक टीबी के मरीज मिल रहे हैं। जिनमें बड़ों के साथ 15 वर्ष से कम आयु वाले बच्चे भी शामिल हैं। टीबी बीमारी से बड़ों को बचाने के साथ बच्चों को भी इस बीमारी से बचाने के लिए के जिला स्तर पर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। रोहतास जिला यक्ष्मा केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार वर्तमान में 1870 टीबी के मरीजों का इलाज जारी है। जिसमें 60 सेअधिक 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चे शामिल हैं। बड़ों के साथ साथ बच्चों को इस बीमारी से ग्रसित होना एक गंभीर समस्या माना जा रहा है। बच्चों को टीबी बीमारी से बचाने के लिए यक्ष्मा केंद्र द्वारा टीबी से ग्रसित लोगों को लगातार मोबलाइज किया जा रहा है। ताकि उनके घर में रह रहे बच्चे इस बीमारी की चपेट में ना आ जाएँ । साथ ही जो बच्चे इस बीमारी की चपेट में आ चुके हैं उन्हें और उस बच्चे के परिजनों को रहन सहन में परिवर्तन लाने की सलाह दी जा रही है।
बच्चों से बनाएं थोड़ी दूरी
सीडीओ डॉ राकेश कुमार ने बताया कि टीबी बीमारी छुआछूत की बीमारी नहीं है, परंतु कुछ ऐसे कारण हैं जिससे यह बीमारी आसानी से एक दूसरे में फैलती है। यदि ऐसे कारणों को जानकर रहन-सहन में थोड़ा परिवर्तन किया जाए तो इस बीमारी को दूसरे व्यक्ति में फैलने से 80 से 90 प्रतिशत तक रोका जा सकता है। उन्होंने बताया कि खासकर वैसे बच्चे जो टीबी से ग्रसित हैं उन्हें थोड़ी सावधानी बरतने की आवश्यकता है। खासकर उस समय जब वे पढ़ने के लिए स्कूल या कोचिंग संस्थान में जाते हैं या अन्य बच्चों के साथ खेलते हैं, तो उस समय वैसे बच्चों को अन्य बच्चों से थोड़ी दूरी बनानी चाहिए। यदि पढ़ाई के लिए स्कूल या कोचिंग संस्थान गए हों तो टीबी से ग्रसित बच्चे मास्क का इस्तेमाल जरूर करें। इसके अलावा जहां-तहां ना थूकें , क्योंकि यह बीमारी अधिकांशत: थूकने और खांसने के माध्यम से दूसरे लोगों में तेजी से फैलती है।
टीबी ग्रसित लोगों से ना बनाएं सामाजिक दूरी
डॉ राकेश कुमार ने बताया कि पहले टीबी बीमारी के लिए कोई उचित इलाज नहीं था। इसलिए टीबी बीमारी को लेकर लोग ज्यादा भयभीत रहते थे, लेकिन अब टीबी बीमारी की दवा मौजूद है और समय से इलाज कराने पर इसे आसानी से ठीक किया जा सकता है। बस थोड़ी सी सावधानी बरतने की आवश्यकता है। डॉ कुमार ने कहा कि टीबी से ग्रसित लोग भी सामान्य जिंदगी जी सकते हैं। इसलिए वैसे लोगों के साथ भेदभाव ना बरतें, क्योंकि अब यह बीमारी पूरी तरह से ठीक हो सकती है। उन्होंने बताया कि लंबे दिनों तक लगातार खांसी आना, सोते समय पसीना आना, बलगम में खून आना, लगातार वजन में गिरावट होना, भूख न लगना टीबी के लक्षण हो सकते हैं। ऐसे में इस तरह के लक्षण दिखाई देने पर तत्काल सरकारी अस्पताल स्थित टीबी विभाग में संपर्क करें। उन्होंने बताया कि टीबी बीमारी से संबंधित सभी जांच और दवाएं पूरी तरह से नि:शुल्क उपलब्ध कराए जाते हैं। साथ ही सरकार द्वारा प्रतिमाह 500 रुपए सहायता राशि भी प्रदान की जाती है।