पटना। विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे बिहार के नियोजित शिक्षकों से डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी 15 फरवरी को वार्ता करेंगे। बड़ी संख्या में आंदोलनरत शिक्षक मंगलवार शाम को पटना में सम्राट चौधरी से मिलने बीजेपी दफ्तर पहुंचे। डिप्टी सीएम ने उन्हें गुरुवार दोपहर दो बजे मिलने का समय दिया है। हालांकि, बीजेपी कार्यालय के बाहर जुटे शिक्षकों पर पुलिस ने लाठियां बरसाईं। इसमें कई शिक्षकों को चोटें आई हैं। पुलिस ने महिला टीचर्स को हिरासत में भी लिया।
दरअसल, बिहार में नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने के लिए राज्य सरकार सक्षमता परीक्षा लेने जा रही है। नियोजित शिक्षक इसका विरोध कर रहे हैं। मंगलवार को पटना के गर्दनीबाग में बड़ी संख्या में राज्यभर से आए शिक्षक एकत्रित हुए और विधानसभा घेराव की कोशिश की। हालांकि, पुलिस ने उन्हें वहीं पर बैरिकेड लगाकर रोक दिया। इसके बाद शाम में कुछ प्रदर्शनकारी बीजेपी कार्यालय पहुंच गए और डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी से मिलने की जिद पर अड़ गए।
बीजेपी कार्यालय के बाहर शिक्षकों की पुलिस से झड़प हो गई। पुलिसकर्मियों ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए लाठीचार्ज कर दिया। पुलिस ने शिक्षकों पर लाठीचार्ज कर दिया जिससे वीरचंद पटेल पथ समेत आसपास यातायात ठप हो गया। कोतवाली पुलिस 10 प्रदर्शनकारियों को पकड़कर थाने ले गई। पीआर बांड भरने के बाद सभी को छोड़ दिया गया। कोतवाली थानेदार ने बताया कि 10 नामजद और 150 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस के लाठीचार्ज में कुछ शिक्षकों को चोट भी आई।
बिहार शिक्षक एकता मंच के अध्यक्ष पूरन कुमार ने बताया कि डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने उन्हें किसी भी टीचर की नौकरी नहीं जाने का आश्वासन दिया है। सम्राट ने नियोजित शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल को गुरुवार दोपहर दो बजे मिलने का समय दिया है। इस दौरान वे शिक्षकों से उनकी मांगें सुनेंगे। शिक्षकों को चिंता करने की जरूरत नहीं है, उनसे वार्ता के बाद ही सरकार कोई फैसला लेगी।
आंदोलन पर उतरे नियोजित शिक्षकों की मांग है कि उन्हें बिना किसी शर्त या सक्षमता परीक्षा के राज्यकर्मी का दर्जा दिया जाए। सक्षमता परीक्षा पास नहीं कर पाने वाले शिक्षकों की नौकरी जाने की आशंका है, इससे उनमें रोष है। शिक्षकों ने सक्षमता परीक्षा के पैटर्न पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि बीपीएससी टीचर भर्ती परीक्षा ऑफलाइन ली जा रही है, जबकि सक्षमता परीक्षा ऑनलाइन हो रही है। कई शिक्षक ऐसे हैं, जो कंप्यूटर से पूरी तरह परिचित नहीं हैं, ऐसे में वे कैसे यह परीक्षा दे पाएंगे।