दवा से टीबी का इलाज संभव, लक्षण दिखने पर कराएं जांच
सासाराम। टीबी को लेकर जहां पहले लोगों के बीच डर देखा जाता था अब इलाज संभव होने से टीबी को लेकर फैला डर अब धीरे धीरे समाप्त हो रहा है और इलाज से लोग ठीक भी हो रहे हैं। सरकारी अस्पतालों में टीबी ईलाज को लेकर लोगों में फैली नकारात्मक सोच भी अब बदल रही है। लोग टीबी का ईलाज के लिए सरकारी अस्पतालों का रुख कर कर रहें है। साथ ही टीबी बीमारी से ग्रसित लोगों को निःशुल्क दी जानेवाली सुविधाओं से भी लाभान्वित हो रहें हैं। टीबी से पीड़ित मरीजों के लिए सरकार ने सभी जांचों के साथ साथ सभी दवाइयों को निःशुल्क मुहैया कराती है। हालांकि समाज में भेद भाव के डर से इस रोग से पीड़ित लोग इस बीमारी को बताने से कतराते हुए भी देखा जाते है। परंतु जन जागरूकता की वजह से लोग अब इस बीमारी का इलाज के लिए आगे आ रहें है और इलाज करा कर ठीक भी हो रहे है।
टीबी बीमारी का नाम सुनते ही गाँव छोड़कर भागते थे लोग
सासाराम सदर अस्पताल में अपने 17 वर्षीय नाती का इलाज करने पहुँचे करगहर प्रखण्ड के तेंदुनि गांव निवासी 85 वर्षीय रामसेवक पांडेय ने बताया कि पहले जब टीबी किसी को हो जाती थी तो घर के आसपास के लोग गांव छोड़ कर भाग जाते थे। डर था कि टीबी मरीज की वजह से हवा के माध्यम से यह रोग गांव में भी फैल जाएगा और लोग मरने लगेंगे। उन्हीने बताया कि टीबी को लेकर गांव के लोगों में भय होता था। टीबी मरीज के आसपास की जाता तक नही था। लेकिन अब ऐसा नहीं है। उन्होंने बताया की उनके नाती को इलाज से काफी फायदा है और समाज में भी किसी प्रकार का भेद भाव नहीं है।
टीबी को लेकर सोच बदलने की जरूरत
सीडीओ डॉ राकेश कुमार ने बताया कि पहले टीबी बीमारी को लेकर लोगों में एक अलग ही डर और भय बना हुआ था जो पूरी तरह समाप्त होता दिखाई दे रहा है। उन्होंने बताया कही कहीं आज भी टीबी बीमारी को लेकर लोगों में संकोच देखा जाता है। टीबी को छुपाना नहीं चाहिए, बल्कि तुरंत उपचार करवाना चाहिए क्योंकि अब टीबी बीमारी के उपचार मौजूद है। उन्होंने बताया कि समय से टीबी की पहचान होने पर इस बीमारी को ठीक किया जा सकता है, इसलिए टीबी बीमारी को लेकर समाज में फैली नकारात्मक सोच को बदलनी होगी और इसे खत्म करने के लिए आगे आना होगा।
टीबी उन्मूलन को लेकर सरकार की पहल
2025 तक देश से टीबी उन्मूलन का लक्ष्य रखा गया है। इसको लेकर भी सरकार विशेष योजना के तहत कार्य किया जा रहा है। रोहतास जिले में भी लगातार टीबी के मरीज मिल रहे है। प्रत्येक माह 200 के आसपास टीबी पॉजिटिव मरीजों की पहचान हो रही है। जिले से टीबी मरीजों की पहचान कर उनका इलाज कराने में जिला यक्ष्मा केंद्र कार्य तो कर ही रही है डॉक्टर फॉर यू संस्था भी टीबी पॉजिटिव मरीजों की लाइन लिस्टिंग कर जिले में सही टीबी मरीजों का आंकड़ा जुटाने में लगी है ताकि उनका इलाज कर जिले को टीबी मुक्त बनाया जाए। जिले में अभी 1800 के आसपास टीबी संक्रमित मरीजों का इलाज जारी है।