पटना। रोहतास में एक ओर चार वर्षीय बच्चे की कोरोना से मौत हो गई, वहीं राजधानी पटना में दो दिन में 22 संक्रमित मिलने से हड़कंप मच गया है। आश्चर्यजनक रूप से इस बार कोरोना के 95 प्रतिशत मरीज ग्रामीण क्षेत्रों के हैं तो शेष घनी आबादी वाले पटना सिटी क्षेत्र के हैं। इसका कारण शहरी क्षेत्र में लक्षण होने के बावजूद मरीजों व डाक्टरों का कोरोना जांच नहीं कराना बताया जा रहा है। बुधवार को जो 13 मरीज मिले हैं, उनमें सबसे अधिक पांच मरीज पालीगंज प्रखंड के विभिन्न गांवों के हैं। इसके अलावा पटना व दनियावां के दो-दो, फतुहा, मोकामा, अथमलगोला व दुल्हिन बाजार के एक-एक संक्रमित हैं पटना शहरी क्षेत्र में सबलपुर व दौलतपुर में एक-एक संक्रमित मिले हैं।
एनएमसीएच में मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डा. अजय कुमार सिन्हा के अनुसार इस बार खांसी, पसलियों में दर्द की शिकायत वाले मरीज ज्यादा आशंकित लग रहे हैं। हालांकि, पटना के सिविल सर्जन डा. श्रवण कुमार ने कहा कि कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ी है, लेकिन निजी व सरकारी प्रयोगशाला से मिली यह रिपोर्ट 21 फरवरी के बाद से अब तक की है। ऐसे में दो दिन में 22 कोरोना संक्रमित मिले, ऐसा कहना सही नहीं होगा। रोहतास जिले के करगहर प्रखंड के तोरनी गांव के एक कोरोना संक्रमित बच्चे की मौत उपचार के क्रम में नारायण मेडिकल कालेज एवं अस्पताल में हो गई। मृतक चार वर्षीय आयुष कुमार तोरनी गांव निवासी नीरज कुमार शर्मा का पुत्र था। बच्चे की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है।