स्वास्थ्य क्षेत्र में बेहतर कार्य के लिए जिले की एक एएनएम को भी किया गया सम्मानित
सासाराम। सीमित परिवार और छोटा परिवार को लेकर सरकार लगता कदम उठा रही है और परिवार नियोजन के विभिन्न साधनों का इस्तेमाल कर जनसंख्या स्थितिकरण पर भी बल दे रही है। परिवार नियोजन के लिए अस्थाई एवं स्थाई साधन मौजूद है। जबकि जनसंख्या स्थिरीकारण को लेकर सरकार स्थाई परिवार नियोजन पर ज्यादा बल दे रही है। स्थाई परिवार नियोजन में महिलाओं की भागीदारी सबसे ज्यादा देखी जा रही है परंतु सरकार अब पुरुष नसबंद पर भी बल दे रही है और इसके लिए कई अभियान चलाकर पुरुष नसबंदी को बढ़ावा देने के लिए सरकार योजनाएं भी चला रही है। हालांकि इसमें सरकार को अपेक्षा के अनुरूप बेहतर परिणाम मिलती दिखाई नहीं दे रही है पर बिहार के विभिन्न जिलों में पहले के अपेक्षा पुरुष नसबंदी के आंकड़ों में बढ़ोतरी हुई है। इन्हीं बेहतर आंकड़ों में से रोहतास जिला भी शामिल हो गया है। पुरुष नसबंदी में रोहतास जिला पटना प्रमंडल में सर्वाधिक नसबंदी करवा कर प्रथम स्थान पर रहा इसको लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति की ओर से रोहतास जिला स्वास्थ्य समिति को पुरस्कृत किया गया।
एक साल में 298 पुरुष नसबंदी
रोहतास जिले में अब पुरुष नसबंदी का भी आंकड़ा धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है। परिवार नियोजन पखवाड़ा के दौरान चलाए गए जागरूकता अभियान से बेहतर परिणाम देखने को मिल रहा है। रोहतास जिला स्वास्थ्य समिति से मिली जानकारी के अनुसार जनवरी जनवरी 2023 से लेकर दिसंबर 2023 तक जिले में 298 पुरुषों का नसबंदी कराया गया। इसकी जानकारी देते हुए डीसी संजीव मधुकर ने बताया कि जागरूकता की वजह से पुरुष अपना नसबंदी करवा रहे है और लोगों को संदेश दे रहें है की पुरुष नसबंदी पूरी तरह से कारगर है और महिला बंध्याकरण से काफी सरल है।
कोचस पीएचसी की एएनएम भी हुई सम्मानित
पुरुष नसबंदी में रोहतास जिला स्वास्थ्य समिति को बेहतर परिणाम के लिए पुरस्कृत किया ही गया, साथ ही जिले के कोचस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की एएनएम प्रमिला कुमारी को भी उनके बेहतर कार्य के लिए राज्य स्वास्थ्य समिति की ओर से सम्मानित किया गया। प्रमिला कुमारी ने परिवार नियोजन संसाधनों को इस्तेमाल करवाने में अहम भूमिका निभाई है। जानकारी के अनुसार प्रमिला कुमारी ने अप्रैल 2023 से लेकर जनवरी 2024 तक 529 पीपी आईयूसीडी लगाया है। इसकी जानकारी देते हुए पीएचसी प्रबंधक मतिऊर रहमान ने बताया की ऐसे कार्यों के लिए प्रमिला कुमारी को इसके पहले भी एक बार राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा और तीन बार जिला स्वास्थ्य समिति के द्वारा भी सम्मानित किया जा चुका है।