सासाराम। 23 मार्च सन 1931 को भगत सिंह, राजगुरु एवं सुखदेव जैसे अनेक साथियों ने देश से ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन को उखाड़ फेंकने और साम्राज्यवाद के नाश के लिए फांसी के फंदे को गले लगाया था। किंतु देश के दलाल शासको ने उनके अरमानों व सपनों पर पानी फेरते हुए देश को अनेक साम्राज्यवादी शक्तियों की चारागाह बना डाला है। आज देश 200 लाख करोड़ का कर्जदार बन गया है, देश के सरकारी उद्योगों सहित सभी संसाधनों की बिक्री और निजीकरण के कसते शिकंजे तथा खेती के कारपोरेटीकरण, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि सभी क्षेत्रों में साम्राज्यवादी शक्तियों और उनके दलालों के बढ़ते एकाधिपत्य के विरुद्ध आवाज उठाने वालों के खिलाफ़ यू.ए.पि.ए. सहित देशद्रोह की धाराओं का प्रयोग आम बात हो गई है।
उपरोक्त बातें आज कुशवाहा सभा भवन सासाराम में शहीद-ए-आजम भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव के 94 वें शहादत दिवस के मौके पर नौजवान भारत सभा द्वारा आहूत जन संकल्प सभा को संबोधित करते हुए इंडियन फेडरेशन ऑफ ट्रेड यूनियन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं प्रख्यात बुद्धिजीवी डॉक्टर बी.के. पटोले ने कही। इस मौके पर संकल्प सभा की अध्यक्षता एवं संचालन नौजवान भारत सभा के जिला सचिव संजय क्रान्ति ने की। कार्यक्रम की शुरुआत भगत सिंह,राजगुरु, सुखदेव के संयुक्त तैल चित्र पर माल्यार्पण के साथ हुआ। भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव सहित देश के लिए शहीद होने वाले सभी ज्ञात-अज्ञात शहीदों की स्मृति में दो मिनट मौन रख कर उन्हें श्रृद्धांजलि अर्पित की गई।
इस मौके पर संकल्प सभा को संबोधित करने वाले अन्य वक्ताओं में नौजवान भारत सभा के नेजाम खान,अजय प्रकाश, सोनू कुमार, चंदेश्वर कुमार, मजदूर नेता नवीन चौबे, सासाराम के जाने माने बुद्धिजीवी एवं चिकित्सक डॉक्टर बी. बी.सिंह , सासाराम सिविल कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता आर. पी. सिंह, अधिवक्ता हीरालाल पासवान आदि मुख्य थे।