नियमित टीकाकरण सप्ताह पर छूटे बच्चों के टीकाकरण पर दिया जा रहा बल
सासाराम। बच्चों को संक्रामक और जीवन घातक बीमारियों से सुरक्षित रखने के लिए नियमित टीकाकरण काफी महत्वपूर्ण होता है। नियमित टीकाकरण के माध्यम से बच्चों को 12 जानलेवा बीमारियों से बचाया जा सकता है। इसके लिए जरूरी है की समय-समय पर बच्चों को दी जाने वाली टीकों को लगाया जाए। नियमित टीकाकरण को बढ़ावा देने के लिए सरकार समय-समय पर जागरूकता अभियान भी चलती है और प्रत्येक वर्ष अप्रैल के आखिरी सप्ताह में नियमित टीकाकरण सप्ताह भी मनाया जाता है। इस दौरान टीकाकरण से वंचित बच्चों को चिन्हित करते हुए उन्हें टीकाकृत किया जाता है। साथ ही लोगों को जागरुक करते हुए उनके बच्चों को समय से टीकाकरण करने के लिए सलाह दी जाती है। जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में सभी टीका निशुल्क दिए जाते हैं। यह टीका बच्चों के रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता ही है साथ ही नियमित टीकाकरण बच्चो को टीबी, पोलियो, गलाघोटू, काली खांसी, खसरा, दस्त, निमोनिया, हेपेटाइटिस बी, जे, टिटनेस सहित 12 प्रकार की होने वाली जानलेवा बीमारी से भी बचाती है।
कब और कौन सी खुराक जरूरी
बच्चे के जन्म के तुरंत बाद पड़ने वाले टीकों में बीसीजी (सिंगल डोज), ओरल पोलियो वैक्सीन (ओपीवी) 0 खुराक, हेपेटाइटिस बी (बर्थ डोज) शामिल है। छठवें सप्ताह में ओपीवी का पहला खुराक, पेंटावेल का पहली खुराक, रोटावायरस वैक्सीन(आरवीवी का पहली खुराक, पीसीसी का पहली खुराक, एवं निष्क्रिय पोलियो वैक्सीन दिलाना जरूरी है। वही 10 सप्ताह होने पर पेंटावेल, ओपीवी , रोटावायरस (सभी का दूसरा खुराक)। 14 सप्ताह का होने पर पेंटावेलेंट का तीसरा खुराक, ओपीवी का तीसरा खुराक, रोटावायरस वैक्सीन का तीसरा खुराक तथा पीसीवी एवं निष्क्रिय पोलियो वैक्सीन का दूसरा खुराक खिलाना जरूरी है। 9 से 12 महीना का होने पर खसरा एवं रुबेला(एमआर) का पहला खुराक, जापानी इंसेफलाइटिस (जेई) का पहला खुराक, पीसीवी का सिंगल बूस्टर डोज दिया जाता है। वही 16 से 24 माह के बीच में ओपीवी बूस्टर, एमआर का दूसरा खुराक, डीपीटी बूस्टर का पहला खुराक तथा जापानी इंसेफलाइटिस का दूसरा खुराक दिया जाता है। 5 से 6 वर्ष के बीच में डीपीटी बूस्टर का दूसरा खुराक, 10 वर्ष पर टेटनस और वयस्क डिप्थीरिया (टीडी) तथा 16 वर्ष पर भी टेटनस और वयस्क डिप्थीरिया(टीडी) का टीका अति आवश्यक है। एक बच्चे को ये सभी टीका पड़ने के बाद उसे संपूर्ण प्रतिरक्षित माना जाता है।
सरकारी अस्पतालों में टीकाकरण का बेहतर इंतजाम
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी आरकेपी साहू ने बताया कि बच्चों को संपूर्ण टीकाकरण करने से बीमारियों से बचाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि सरकारी अस्पतालों में यह सभी टीका पूरी तरह से निशुल्क दिए जाते हैं। साथ ही पूर्ण प्रशिक्षण प्राप्त नर्स के द्वारा टीका दिए जाते हैं। बच्चों को विभिन्न बीमारियों से लड़ने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में टीकाकरण कारगर साबित होते हैं। डॉ साहू ने बताया कि जिले के सभी प्रखंडों में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के अलावा हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर में टीकाकरण का प्रबंध है। प्रत्येक वर्ष अप्रैल महीने के आखरी सप्ताह में नियमित टीकाकरण सप्ताह मनाया जाता है। उन्होंने बताया की इस दौरान सभी प्रखंडों में टीकाकरण से वंचित बच्चों को टीकाकरण पर बल दिया जा रहा है। उन्होंने लोगों से अपील किया की अपने बच्चों को टीकाकरण से वंचित न करे। साथ ही जिन बच्चों का जिस भी टीका का समय पूर्ण हो गया हो उसे अपने नजदीकी सरकारी अस्पतालों में जाकर टीकाकरण कराएं।