टीबी रोग से ग्रसित गर्भवती महिलाओं का दवा सेवन व एक्स रे भ्रूण के लिए घातक
सासाराम। टीबी संक्रामण को जड़ से मिटाने के लिए 2025 तक टीबी हारेगा देश, जीतेगा की तर्ज पर देशव्यापी अभियान चलाया जा रहा है। इसी के तहत रोहतास जिला यक्ष्मा केंद्र द्वारा लगातार अभियान चलाकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। साथ ही साथ टीबी से पीड़ित मरीजों को खोज कर उनका इलाज किया जा रहा है ताकि संक्रमण की चेन को तोड़ कर टीबी फैलने से रोका जा सके। इससे बचाव को लेकर महिलाओं को विशेष रूप से जागरूक किया जा रहा है। टीबी बीमारी से ग्रसित महिलाओं को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है। खासकर टीबी से ग्रसित महिलाओं को गर्भधारण न करने की सलाह दी जाती है। क्योंकि टीबी से ग्रसित महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान गर्भस्थ बच्चे पर दवा का नकारात्मक प्रभाव भी पड़ सकता है ।
दवा सेवन भ्रूण के लिए घातक
टीबी से ग्रसित लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कमजोर हो जाती है। ऊपर से महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान भी कई समस्या देखी जाती है। ऐसे में टीबी ग्रसित गर्भवती महिलाओं को दी जाने वाली दवा गर्भस्थ बच्चे को नुकसान पहुँचा सकता है। इतना ही नहीं गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिलाओं को एक्स रे करवाना भी बच्चे के लिए घातक हो सकता है। जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ राकेश कुमार ने बताया कि टीबी बीमारी से ग्रसित महिलाएं , जो गर्भधारण के लिए सक्षम है, को इलाज के दौरान सलाह दी जाती है कि इलाज के दौरान गर्भधारण से बचें। क्योंकि यह भ्रूण के लिए खतरनाक होता है। डॉ सिंह ने कहा कि यदि महिलाएं गर्भधारण कर भी लेती हैं तो अपने खाने पीने का भरपूर ध्यान रखें। अधिक से अधिक पौष्टिक आहार लें ताकि रोग प्रतिरोधक क्षमता पूरी तरह से विकसित होती रहे।
परिवार नियोजन साधनों का करें इस्तेमाल
डॉ राकेश कुमार ने बताया कि टीबी बीमारी की अवस्था के अनुसार 6 महीने से लेकर ढाई साल तक दवा चलाई जाती जाती है । इस दौरान महिलाएं गर्भवती होती हैं तो दवा के साथ साथ एक्स रे के रेडिएशन से भ्रूण पर दुष्प्रभाव पड सकता है। ऐसी महिलाओं को गर्भधारण से बचने के लिए अस्थाई परिवार नियोजन संसाधनों को अपनाना चाहिए। इसके लिए महिलाएं कॉपर टी या अंतरा इंजेक्शन को डॉक्टरी सलाह पर इस्तेमाल कर सकती हैं। उन्होंने बताया की गर्भवती महिला में टीबी पॉजिटिव मिलने पर दवा सेवन करवाने में भी कई समस्याएं आती है। टीबी से पीड़ित महिलाएं कम से कम छह महीने तक गर्भ धारण न करें। यदि वो पहले से ही गर्भवती है तो इसने कई सारी सावधानियां बरतनी जरूरी है। जिसमे समय से भोजन, उचित एवम पौष्टिक आहार लेना अति आवश्यक है।