टीबी बीमारी को मात दे चुके लोगों को बनाया गया है टीबी चैंपियन
लोगों को टीबी के बारे में जागरूक कर इलाज कराने के लिए करेंगे प्रेरित
सासाराम। 2025 तक देश से टीबी उन्मूलन को लेकर व्यापक अभियान चलाया जा रहा है। केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकार इस उन्मूलन पर विशेष बल दे रही है। सभी जिलों को टीबी मुक्त करने का प्रयास किया जा रहा है। इस अभियान में कई सहयोगी संस्थाओं का भी सहयोग लिया जा रहा है। जिसका परिणाम यह देखने को मिल रहा है सभी जिलों में अधिक से अधिक टीबी मरीज नोटिफाई किए जा रहे हैं और उनका इलाज किया जा रहा है। इधर रोहतास जिले में भी टीबी नोटिफिकेशन की संख्या में काफी इजाफा देखा जा रहा है। जहां पहले एक से डेढ़ सौ के आसपास मरीज नोटिफाई किए जाते थे अब वही प्रतिमाह 400 से अधिक टीबी मरीज नोटिफाई किए जा रहे हैं और उनका इलाज किया जा रहा है। ऐसे में टीबी उन्मूलन में रोहतास जिला अग्रसर होता दिखाई दे रहा है। रोहतास जिले को टीबी मुक्त बनाने के लिए जिला यक्ष्मा केंद्र द्वारा भी लगातार अथक प्रयास किया जा रहा हैं, इसको लेकर प्रत्येक प्रखंड में जिला यक्ष्मा केंद्र टीबी चैंपियन की तलाश करके उनके माध्यम से जागरूकता अभियान फैला रही है। ताकि टीबी बीमारी को छुपाने वाले मरीजों को जागृत कर उनका इलाज किया जा सके।
अब तक 20 टीबी चैंपियन को किया गया तैयार
रोहतास जिले को टीबी मुक्त बनाने में जिले के टीबी चैंपियन अपनी अहम भूमिका निभाएंगे। टीबी चैंपियन वे लोग हैं जो सदर अस्पताल में इलाज के बाद टीबी बीमारी से जंग जीत चुके हैं और सामान्य जिंदगी व्यतीत कर रहे हैं। अब ये चैंपियन रोहतास जिले में टीबी से पीड़ित मरीज को जागृत करेंगे और इलाज के लिए प्रेरित करेंगे। रोहतास जिले के सासाराम बिक्रमगंज, करगहर , सूर्यपुर, दावथ में 2 -2 चैंपियन बनाए गए है जबकि डेहरी, चेनारी शिवसागर, कोचस, दिनारा, काराकाट, नासरीगंज, तिलौथू , अकोढीगोला एवं राजपुर में 1- 1 टीबी चैंपियन बनाए गए हैं। जिसका नोटिफिकेशन भी राज्य स्वास्थ्य समिति को भेज दिया गया है। इस तरह से रोहतास जिले में 20 टीवी चैंपियन जिले को टीबी मुक्त जिला बनाने में अपना सहयोग करेंगे। जिला यक्ष्मा केंद्र के डी ओ शेखर श्रीवास्तव ने बताया कि जिले में कुल 20 टीब चैंपियन को नोटिफाई किया गया है और ये टीबी चैंपियन टीबी उन्मूलन में भरपूर सहयोग करेंगे।
टीबी को मात देने वाले को आगे आने की जरूरत
सीडीओ डॉ राकेश कुमार ने कहा कि टीबी एक जानलेवा बीमारी है, परंतु समय से इलाज करने पर इस बीमारी को मात भी दिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि बीमारी को जड़ से मिटाने के लिए समाज के हर लोगों को आगे आने की आवश्यकता है। खासकर वैसे लोग जो टीबी बीमारी को मात दे चुके हैं। उन्हें आगे आकर इस उन्मूलन में योगदान देने की आवश्यकता है। सीडीओ ने बताया कि कुछ ऐसे भी लोग हैं जो टीबी की बीमारी हो जाने पर बताने से डरते हैं। ऐसे में टीबी को मात दे चुके लोग वैसे लोगों को आसानी से इलाज के लिए प्रेरित कर सकते हैं। इस तरह से रोहतास जिले से टीबी का उन्मूलन किया जा सकता है।