पटना। नीट-यूजी पेपर लीक मामले में गिरफ्तार परीक्षार्थियों को राजधानी के सरकारी निरीक्षण बंगले में ठहराए जाने का मामला तूल पकड़ने लगा है। राजनीतिक बयानबाजी के अलावा पुलिस ने भी इस मामले की जांच तेज कर दी है। पुलिस की अब तक की जांच में इस बात की जानकारी मिली है कि परीक्षा से एक दिन चार मई को निलंबित जूनियर इंजीनियर सिकंदर कुमार यादवेंदु ने तीन-चार परीक्षार्थियों के लिए कमरा बुक कराया था। इसके लिए किसी वीआइपी नेता के करीबी से पैरवी किए जाने की भी बात सामने आ रही है।
पुलिस इस मामले को लेकर सिकंदर को फिर से रिमांड पर लेकर पूछताछ कर सकती है। दूसरी तरफ, पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किए गए साल्वर गिरोह के सदस्यों, परीक्षार्थियों और उनके अभिभावकों के खातों की जांच भी की जा रही है। नीट-यूजी की परीक्षा के आसपास बैंक खातों के ट्रांजेक्शन निकाले जा रहे हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार, पेपर लीक में बड़ी मात्रा में नकद राशि के लेन-देन की बातें सामने आ रही हैं। इसके सबूत भी इकट्ठा किए जा रहे हैं। नीट-यूजी पेपर लीक मामले में गिरफ्तार आरोपित जल संसाधन विभाग से निलंबित जूनियर इंजीनियर सिकंदर प्रसाद यादवेंदु बिथान थाना क्षेत्र के पुसहो गांव के रहने वाले हैं।
साल्वर गैंग से जुड़े सिकंदर ने उत्तर रटकर परीक्षा देने वाले चार गिरफ्तार परीक्षार्थियों को पटना के एक सरकारी निरीक्षण भवन में ठहराया था। मामले की जांच कर रही ईओयू ने जिले पुलिस से उनके आपराधिक इतिहास की मांग की थी। इसकी सूचना बुधवार को जिले से भेज दी गई। यहां उनके ऊपर कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं है। 2016 में रोहतास में जेई रहते हुए सिकंदर नगर परिषद के अतिरिक्त प्रभार में एलईडी घोटाले के मुख्य आरोपी रहे हैं। उन पर 2.92 करोड़ के घोटाले का आरोप लगा था। इस मामले में जेल भी जा चुके हैं।