पटना। आज भारत समेत दुनिया भर के लोग 10वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मना रहे हैं। इस दिन का उद्देश्य योग के कई मनोवैज्ञानिक, आध्यात्मिक और शारीरिक लाभों के बारे में सार्वजनिक ज्ञान बढ़ाना है। योग दिवस के मौके पर बिहार के कई जिलों में भी उत्साह देखा जा रहा है। बच्चे, युवा से लेकर बुजुर्ग तक योगा करते नजर आ रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने योग किया। उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर संदेश देते हुए लिखा कि आप सभी को ‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’ की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं! अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर राज्य आयुष समिति स्वास्थ्य विभाग, बिहार द्वारा पाटलिपुत्रा स्पोर्ट्स क्लब में आयोजित सामूहिक योगाभ्यास कार्यक्रम में शामिल हुआ और वहां उपस्थित छात्र-छात्राओं, युवाओं को संबोधित कर उपस्थित समस्त गणमान्य अतिथियों के साथ योग किया।
योग शरीर, मन और आत्मा को एकाग्रचित्त करने का वह प्रभावी माध्यम है, जिससे न सिर्फ शरीर बल्कि मस्तिष्क भी स्वस्थ होता है। यह विश्व को भारत द्वारा दी गई एक अमूल्य धरोहर है, जिसे देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरी दुनिया में पहुंचाने का काम किया है। आदरणीय प्रधानमंत्री जी के प्रयासों से आज ‘योग’ पूरे विश्व में लोगों की जीवन शैली बन चुका है। बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने भी योगा किया और इस दौरान उन्होंने लोगों को संदेश दिया। सम्राट चौधरी ने अपने एक्स हैंडल पर संदेश देते हुए लिखा कि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं! इस अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर, हम सब योग को अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाएं और उसके लाभों को आत्मसात करें।
आज योग दिवस पर पाटलीपुत्र कॉम्प्लेक्स में आयोजित सामूहिक योगाभ्यास कार्यक्रम में शामिल होकर योगाभ्यास किया। योग केवल हमारे शरीर को नहीं, बल्कि हमारी सोच और जीवन दृष्टिकोण को भी बदलता है। यह हमें एक स्वस्थ, खुशहाल और समृद्ध जीवन की ओर अग्रसर करता है। योगः कर्मसु कौशलम् – योग में निपुणता ही सच्ची कुशलता है। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर समस्तीपुर के सरायरंजन में योग किया। इस मौके पर अन्य कार्यकर्ता भी उनके साथ मौजूद थे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि हर साल 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। योग शरीर के स्वास्थ्य के लिए किसी भी व्यक्ति के संपूर्ण व्यक्तित्व के लिए आवश्यक है इसको जीवन का अंग बनाना चाहिए और नियमित रूप से इसका अभ्यास करना चाहिए।