5 वर्ष तक के बच्चों वाले लक्षित घरों में दी जाएगी ओआरएस की पैकेट
सभी विभागों के साथ समन्वय और सहभागिता के साथ बनाई जाएगी रणनीति
सासाराम। बरसात शुरू होते ही बच्चों में डायरिया का प्रकोप देखने को मिलने लगता है और इससे कई बच्चों की मृत्यु भी हो जाती है। ऐसे में सरकार राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत दस्त से होने वाले शिशु मृत्यु को शून्य स्तर तक लाने के लिए गत वर्षों से सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा का आयोजन कर रहा है। इसी क्रम में इस बार सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा के जगह पर दस्त की रोकथाम अभियान- 2024 का आयोजन किया जाएगा। यह अभियान लगातार दो माह तक चलाया जाएगा। इसके लिए राज्य स्वास्थ्य समिति ने जिले के सिविल सर्जन को दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। इसकी जानकारी देते हुए जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी सह दस्त रोकथाम अभियान 2024 के नोडल पदाधिकारी डॉक्टर आरकेपी साहू ने बताया कि बारिश के मौसम में 5 साल तक के बच्चों में अक्सर डायरिया का प्रकोप देखा जाता है। इससे निपटने के लिए राज्य सरकार लगातार अभियान चलाती है। डॉ साहू ने बताया कि डायरिया से होने वाले मृत्यु का मुख्य कारण निर्जलीकरण साथ-साथ इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी होना है। ऐसे में ओ.आर.एस. एवं जिंक के प्रयोग द्वारा डायरिया से होने वाली मृत्यु को टाला जा जा सकता है।
समन्वय सहभागिता को लेकर होगी बैठक
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी ने बताया कि दस्त की रोकथाम अभियान- 2024 को लेकर विशेष रणनीति बनाई जाएगी। विभिन्न विभागों जैसे स्वास्थ्य विभाग, समाज कल्याण विभाग, शिक्षा विभाग एवं ग्रामीण विकास विभाग के साथ बैठक किया जाएगा और डायरिया को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि इसके लिए जिला स्तरीय संबंधित स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षण भी प्रदान की जाएगी जिसमें एएनएम को ओ.आर.एस एवं जिंक की खुराक देने की प्रक्रिया और मात्रा बताई जाएगी। उन्होंने बताया की एएनएम द्वारा लोगों को डायरिया की रोकथाम के लिए जानकारी दी जाएगी।
प्रत्येक घर में दी जाएगी ओ. आर.एस
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी ने बताया कि जिन घरों में 5 साल तक के बच्चे मौजूद हैं उन घरों में एक एक ओ.आर.एस.का पैकेट उपलब्ध कराया जाएगा. साथ ही जिन घरों में डायरिया का प्रकोप देखा जाएगा उसे घर में दो पैकेट ओ.आर.एस एवं जिंक की गोली दी जाएगी और उस घर में लगातार फॉलोअर भी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यदि डायरिया का प्रकोप दवा देने के बाद भी दस्त जारी रहा तो उक्त बच्चों को अस्पताल में भर्ती किया जाएगा।
दस्त के लक्षण को न करे नजरंदाज
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी ने दस्त के लक्षण के बारे में भी जानकारी दिया। उन्होंने बताया कि बच्चा ज्यादा बीमार लग रहा हो। सुस्त या बेहोश होना, पानी जैसा लगातार दस्त का होना, बार-बार उल्टी होना, अत्यधिक प्यास लगना, पानी न पीना, बुखार होना, मल में खून आना, यह सभी दस्त के लक्षण है। उन्होंने बताया कि इनमें से कोई भी लक्षन दिखाई देने पर तत्काल अपने नजदीकी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र पर संपर्क करें।