एमडीए अभियान को लेकर जिला स्तरीय टीओटी का किया गया आयोजन
सासाराम। फाइलेरिया उन्मूलन अभियान को लेकर सासाराम सदर अस्पताल के पारा मेडिकल भवन में जिला स्तरीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण का उद्घाटन सिविल सर्जन डॉ मणि रंजन ने किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में मौजूद जिले के सभी एमओआईसी, बीएचएम, बीसीएम, अस्पताल प्रबंधक को संबोधित करते हुए सिविल सर्जन ने कहा की सही नियत से कोई कार्य किया जाए तो सफलता जरूर मिलती है। इसलिए जो काम आपको मिला है उसे बेहतर तरीके से करे। सिविल सर्जन ने कहा कि फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी है और यह राष्ट्रीय स्तर का एक बड़ा अभियान है, इसलिए हमें इसे एक चेलेंज समझकर एमडीए अभियान को सफल बनाने के लिए आगे आना चाहिए। हमें जिस कार्य के लिए दायित्व दिया गया है उसे कार्य का निर्वाह करने में पीछे नहीं हटना चाहिए। वही अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर अशोक कुमार ने भी कहा कि इस बड़े अभियान को सफल होने के लिए हम सभी को अपना बेहतर से बेहतर प्रदर्शन देना है, ताकि जिले को फाइलेरिया मुक्त बनाया जा सके। डॉ अशोक कुमार ने कहा कि यहां से प्रशिक्षण के बाद अपने प्रखंड स्तर बेहरत प्रशिक्षण प्रदान करें ताकि अभियान में सफलता मिल सके। वही पिरामल स्वास्थ्य के प्रोग्राम लीडर (संचारी रोग) हेमंत कुमार ने रिपोर्टिंग फॉर्मेट के साथ साथ सुकृत्य एप्प पर डाटा अपलोड की की जानकारी उपलब्ध कराई। साथ ही समुदायिक स्तर पर लोगों के बीच जागरूकता अभियान चलाने पर भी जोर दिया।
आशा कर्मियों के दें बेहतर प्रशिक्षण
वही डब्ल्यूएचओ से आए जोनल कॉर्डिनेटर डॉ अरुण कुमार ने वहां मौजूद सभी लोगो को प्रशिक्षण प्रदान किया। उन्होंने बताया कि अभियान को सफल होने में सभी का योगदान अहम हैं। लेकिन उससे ज्यादा जरूरी है की दवा खिलाने वाली आशा कर्मियों को बेहतर प्रशिक्षण प्रदान किया जाए, क्योंकि बेहतर प्रशिक्षण ही लोगों को दवा खिलाने में काम आएगा। उन्होंने कहा कि पिछली बार की तरह इस बार भी तीन तरह की दवा खिलानी है, इसलिए जो छोटी-छोटी गलतियां पिछली बार हुई है उसको इस बार सुधार करके और बेहतर परिणाम पाया जा सकता है। डॉक्टर अरुण कुमार ने इस बात की भी जानकारी दिया की दवा खिलाने के बाद किस तरह से आशा कर्मी रिपोर्ट बनाएंगी।
एडीआर को लेकर भी दिया जानकारी
डॉ अरुण कुमार ने दवा खिलाए जाने के बाद दवा के होने वाले प्रतिकूल प्रतिक्रिया के बारे में विस्तार से जानकारी दिया। उन्होंने बताया कि अपने-अपने प्रखंडों में एमडीए से संबंधित स्वास्थ्य कर्मियों, आशाकर्मियों को प्रशिक्षण देने के दौरान एडवर्स ड्रग रिएक्शन यानी दवा के प्रतिकूल प्रभाव के बारे में जानकारी जरूर दें। लोगों को इस बात की जानकारी दें कि यदि दवा खाने के बाद मिचली, उलटी, सिर दर्द या चक्कर जैसे लक्षण दिखाई दे तो घबराएं नहीं, क्योंकि जिन लोगों में फाइलेरिया के परजीवी होंगे उनमें यह सामान्य लक्षण दिखाई देंगे जो आधे घंटे के अंदर खुद से ठीक हो जाएगा। लोगों के इस बारे में भी जानकारी दें कि यदि आधे घंटे के अंदर स्थिति सामान्य ना हो तो अपने नजदीकी आशा कर्मी या अन्य स्वास्थ्य कर्मी को जानकारी उपलब्ध कराएं। मौके पर वीडीसीओ जय प्रकाश गौतम, गौरव कुमार, रौशन कुमार सिंह, मानसी भारती, संजीत राय एवं फाइलेरिया विभाग के गोपाल सिंह, सुदामा भारती, स्थापना लिपिक प्रकाश उपाध्याय, गौतम कुमार, के अलावा पीसीआई के डीएमसी आशीष रावत, बीएमसी सरोज कुमार दुबे, पीरामल स्वास्थ्य के डिस्ट्रिक लीड पल्लवी, कृष्ण कांत चौबे सहित अन्य लोग मौजूद रहें।