भागलपुर। बिहार सरकार के वरीय उप समाहर्ता का बोर्ड कार में लगाकर ठगी करने वाले राज पांडेय को पुलिस ने पत्नी समेत गिरफ्तार कर लिया। पुलिस टीम ने दोनों को खरमनचक मोहल्ला स्थित उसके आवास के पास से तब गिरफ्तार किया जब दोनों सफेद रंग की एक्सयूवी कार से कहीं निकल रहे थे। उस कार के आगे बिहार सरकार, वरीय उप समाहर्ता का बोर्ड लगा हुआ था। उसके विरुद्ध 28 जून 2024 को दर्ज धोखाधड़ी के एक केस में थानाध्यक्ष कृष्ण नंदन कुमार सिंह पुलिस बल के साथ खरमनचक मोहल्ला स्थित उसके आवास पर पहुंचें। वहां राज पांडेय और उसकी पत्नी पुष्पा पांडेय सफेद रंग की एक्सयूवी कार पर सवार होकर कहीं निकलने वाले थे। उसी दौरान पुलिस टीम ने दोनों को गिरफ्तार कर थाने लाई। जिस कार पर दोनों सवार थे उसके आगे लाल रंग की बोर्ड बिहार सरकार, वरीय उप समाहर्ता की लगी हुई थी। थानाध्यक्ष ने उससे वरीय उप समाहर्ता होने संबंधी पूछताछ की जिसपर कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया। पुलिस ने कार जब्त कर ली।
राज के दोनों पैर की एड़ी और तलवे पर प्लास्टर चढ़ा हुआ था। पूछने पर बताया कि दोनों पैर की एड़ी की हड्डी टूट गई है। उसने डॉक्टर का पर्चा भी दिखाया। थानाध्यक्ष ने स्वास्थ्य को आधार मानते हुए वरीय पुलिस पदाधिकारी के निर्देश पर राज पांडेय को पीआर बॉन्ड पर मुक्त कर दिया। पुलिस ने उसकी पत्नी को भी पीआर बॉन्ड पर उसकी सेवा के लिए मुक्त कर दिया है। राज के विरुद्ध केवल जोगसर थाने में धोखाधड़ी के केस दर्ज नहीं हैं, उसके विरुद्ध नाथनगर थाने में भी वरीय उप समाहर्ता बता लाखों की ठगी करने का आरोप में केस दर्ज है। दर्ज केस में पति-पत्नी दोनों आरोपित हैं। राज पांडेय खुद को सीनियर एडीएम, बिहार सरकार बता लोगों को ठगने का काम करता रहा है। उसके विरुद्ध पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में भी पुलिस टीम पर गोली चलाने समेत कई गंभीर आरोप में केस दर्ज हैं। जिस मामले में उसकी तब पिस्टल समेत गिरफ्तारी हुई थी। वहां उसके साथ एक अंगरक्षक और चालक की भी गिरफ्तारी हुई थी। तब भी उसके पास एक कार भी बरामद की गई थी जिसके आगे वह बिहार सरकार, वरीय उप समाहर्ता का बोर्ड लगा रखा था। काफी दिन न्यायिक हिरासत में रहने के बाद उसे वहां से जमानत मिली तो फिर भागलपुर आकर फिर लोगों को झांसा देने में सक्रिय हो गया। पहले कुछ दिनों तक कार के आगे एंटी करप्शन ब्यूरो के पदाधिकारी का नीले रंग का बोर्ड लगा घूमने लगा।
फिर कुछ दिनों बाद वरीय उप समाहर्ता, बिहार सरकार का बोर्ड लगा घूमने लगा। नगालैंड के जोन्हो बाटो, दीमापुर के स्थानीय पते पर रहने वाला बता पूर्वी बिहार के भागलपुर, खगड़िया, मुंगेर, बांका, नवगछिया समेत कई जिलों में सैकड़ों लोगों को फर्जी आर्म्स लाइसेंस बांटने में इसकी भूमिका सामने आई थी। सिलीगुड़ी पुलिस भागलपुर पुलिस से संपर्क कर राज पांडेय की कुंडली मांगी थी। भागलपुर के नाथनगर, सबौर, आदमपुर, नवगछिया, सोनवर्षा समेत कई जगहों के लोगों को नागालैंड के स्थानीय पता दर्शाते हुए उन्हें वहां रहने वाला बता आर्म्स लाइसेंस बांटे गए। एक आर्म्स लाइसेंस के एवज में चार से पांच लाख रुपये तक वसूले गए थे।सन्नी, रिंकू, पप्पू, राकेश सिंह, राकेश दुबे समेत दो दर्जन ऐसे लोगों को भी फर्जी आर्म्स लाइसेंस बांटे जिनमें तो कुछ ने आर्म्स खरीद भी रखे थे। इन लोगों में सन्नी, रिंकू, पप्पू, राकेश आदि तो नगालैंड के किसी जिले में रहना तो दूर गए भी नहीं होंगे। पुलिस की क्राइम ब्रांच की टीम ऐसे पांच दर्जन लोगों के पते का सत्यापन कर रही है। जिसकी रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद आपराधिक केस दर्ज कराने की कवायद की जानी है।