बेतिया के वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में दो बाघों के बीच वर्चस्व की लड़ाई में एक नर बाघ की मौत हो गई है। मामला जिले के वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के मंगुराहा वन क्षेत्र के कक्ष संख्या-46 अमाहवा की है। जानकारी के अनुसार, शुक्रवार की सुबह नर बाघ का शव मिला है। मृत बाघ के शरीर, चेहरे और सिर पर गंभीर जख्म है। शव दो दिन पुराना लग रहा है। वहीं, वन विभाग की टीम दूसरे घायल बाघ की तलाश कर रही है। वन विभाग की टीम का मानना है कि दूसरा बाघ भी गंभीर रूप से घायल है, जो जंगल में कहीं न कहीं छिपा हुआ है। मृत बाघ की उम्र करीब आठ वर्ष बताई जा रही है। वीटीआर के डॉक्टरों के अनुसार, मृत बाघ के पैर, चेहरे और सिर पर गहरे जख्म के निशान हैं। खूनी संघर्ष में अधिक खून बहने से बाघ की जान जाने की आशंका जताई जा रही है। वन विभाग जंगल में लगे ट्रैक कैमरे की जांच कर रहा है।
इधर, वन रेंजर सुनील कुमार पाठक के नेतृत्व में वन कर्मियों की टीम घायल बाघ के फुट प्रिंट को ट्रैक करने में जुटी हुई है। वीटीआर प्रमंडल एक के उप क्षेत्र निदेशक प्रद्युम्न गौरव ने बताया कि दो बाघों के आपसी वर्चस्व में एक नर बाघ की मौत हो गई है। घटनास्थल पर सीएफओ और डीएफओ पहुंच कर कैंप कर रहे हैं। घटनास्थल के क्षेत्र में किसी की आने-जाने की अनुमति नहीं है। जंगल में प्रवेश करने पर रोक लगा दी गई है। उन्होंने बताया कि मृत बाघ का शव देखने से दो दिन पुराना लग रहा है। बाघ के शव को पोस्टमार्टम कर जांच के लिए विसरा वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट आफ इंडिया देहरादून और इंडियन वेटरिनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट बरेली भेजा जाएगा। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद मृत बाघ का अंतिम संस्कार कर दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि युवावस्था में आने के बाद बाघ अपना इलाका बांट लेते हैं। इसके लिए पेड़ों पर अपनी गंध छोड़ते हैं। पेड़ों पर फुट प्रिंट बनाते हैं, जिससे बाघ अपने इलाके में एक बार में ही नजर बनाए रखने का काम करता है। अगर उसके इलाके में दूसरा बाघ आता है तो लड़ाई होना तय होती है। वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में कुल 59 भाग हैं। बाघ इधर से उधर एक कंपार्ट से दूसरे का कंपार्ट में आते-जाते रहते हैं, क्योंकि वाल्मीकि टाइगर रिजर्व पूरी तरह से खुला हुआ क्षेत्र है। मंगुराहा वन रेंज का इलाका काफी शांत है, जिसके कारण बाघों की संख्या में काफी इजाफा हो रहा है।