नालंदा के बिहार शरीफ नगर निगम क्षेत्र के नव सृजित वार्ड-47 के काको बीघा में डायरिया का कहर देखने को मिला है। यहां विगत दो दिनों में डायरिया की चपेट में आने से तीन बच्चों की मौत हो गई है। इनमें एक ही परिवार के दो बच्चे भी शामिल हैं। मृतकों में रंजीत पांडे की बेटी परिधि कुमारी (5) और परी कुमारी है। जबकि कारू सिंह के बेटे गोलू कुमार (11) की भी डायरिया से मौत हो गई है। नालंदा के बिहार शरीफ नगर निगम क्षेत्र के नव सृजित वार्ड-47 के काको बीघा में डायरिया का कहर देखने को मिला है। यहां विगत दो दिनों में डायरिया की चपेट में आने से तीन बच्चों की मौत हो गई है। इनमें एक ही परिवार के दो बच्चे भी शामिल हैं। मृतकों में रंजीत पांडे की बेटी परिधि कुमारी (5) और परी कुमारी है। जबकि कारू सिंह के बेटे गोलू कुमार (11) की भी डायरिया से मौत हो गई है। वहीं, गोलू के परिजनों ने बताया कि अचानक से उल्टी और दस्त होने लगे। मेडिकल से दवा लाकर गोलू को खिलाई गई, तबीयत और बिगड़ गई। उसके बाद डॉक्टर के यहां ले जाने लगे, तब तक उसकी मौत हो गई। रक्षाबंधन के मौके पर गोलू अपनी मां के साथ ननिहाल गया था। मोहल्लावासी अरुणेश यादव ने बताया कि 19 अगस्त से डायरिया का प्रकोप पूरे गांव में फैला हुआ है। किसी भी प्रकार की सरकारी स्तर पर कोई सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई है। यहां तक कि सरकारी अस्पतालों में भी डायरिया पीड़ितों का इलाज बेहतर ढंग से नहीं हो रहा है। किसी प्रकार लोग अपने स्तर से निजी क्लीनिक में डायरिया पीड़ित मरीज का इलाज करा रहे हैं।
वहीं, वार्ड-47 के वार्ड प्रतिनिधि धनपत कुमार ने बताया कि पीने के पानी की किसी प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं है। निगम के अधिकारियों को कई बार इस बारे में कहा गया है। लेकिन कोई पहल नहीं की जा रही है। वर्तमान समय में जो नल से जल लोगों के घरों तक पहुंच रहा है। उसमें कई जगह लीकेज हो गई है, जिसके कारण नाली का गंदा पानी भी पाइप में प्रवेश कर जाता है और लोगों को वही पानी पीना पड़ रहा है। डायरिया की सूचना भी निगम के अधिकारियों के संज्ञान में लाई गई। लेकिन साफ-सफाई, ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव और कचरा उठाव अब तक नहीं कराया गया है। गरीबी की वजह से परी और परिधि की मौत हो गई है। 50 से 60 लोग डायरिया से पीड़ित हो चुके हैं।
वर्तमान समय में कई लोग अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती हैं। बिहार शरीफ प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी मनीष कुमार ने बताया कि सूचना मिलने के बाद मेडिकल टीम को तैनात किया गया है। ब्लीचिंग पाउडर का भी छिड़काव कराया जा रहा है। अस्पतालों में इलाज की व्यवस्था को सुदृढ़ करने को लेकर वरीय अधिकारियों को बात संज्ञान में दी गई है। जिला मुख्यालय बिहार शरीफ से आधा किलोमीटर की दूरी पर स्थित काको बीघा पहुंचने में जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और निगम के अधिकारियों को पहुंचने में पांच दिन का वक्त लग गया। निगम के द्वारा जहां साफ-सफाई और ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव शुक्रवार को किया गया तो वहीं स्वास्थ्य विभाग की टीम की भी प्रतिनयुक्ति कर दी गई है। जबकि एक एंबुलेंस भी मरीजों को अस्पताल पहुंचाने के लिए काको बीघा में लगाई गई है।