गया: डेंगू के बाद अब डायरिया ने गया जिले के लोगाें की चिंता बढ़ा दी है। जिला अस्पताल और निजी चिकित्सकों के यहां प्रतिदिन डायरिया से ग्रसित दर्जनों मरीज पहुंच रहे हैं। जिले के आमस प्रखंड के लालाडीह गांव में चापाकल और आहार में जमें पानी के कारण दूषित पानी लोगों के कंठ तक पहुंच रहा है। स्वास्थ्य विभाग डायरिया के मरीज बढ़ने के कारणों में से एक कारण प्रदूषित जलापूर्ति को मान रहे हैं। उक्त गांव में चापाकल और आहार में जमें पानी गांव के लोगों के लिए खतरे का सबब बनती जा रही हैं।
डेंगू व वायरल के प्रकोप से जूझ रहे स्वास्थ्य स्वास्थ्य विभाग के लिए अब डायरिया जैसी जानलेवा बीमारी नई चुनौती बन सकती है। इसके संकेत भी मिल रहे हैं। जिले के आमस प्रखंड में स्थित लालडीहा गांव में इन दिनों डायरिया के आतंक से गांव वाले परेशान हैं। डायरिया के चपेट में आने से दो मासूमों की मौत हो चुकी है। वहीं गांव के 18 लोग अब भी बीमार है। सभी बीमार लोगों को आमस स्वास्थ्य केंद्र में इलाज किया जा रहा है। वहीं इलाज के दौरान तीन लोग स्वस्थ हो चुके है। फिलहाल स्वास्थ्य केंद्र में 15 लोगों का इलाज किया जा रहा है। हालांकि लालडीह गांव डायरिया फैलने की खबर के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है। यही वजह है कि स्वास्थ्य विभाग गांव का दौरा कर लोगों से मिलकर डायरिया फैलने की कारणों की जानकारी ले रहे है।
वहीं चिकित्सकों की टीम गांव के चापाकल और आहार में जमें पानी को डायरिया फैलने का आशंका जताया है। वहीं एक सप्ताह से लालडीह गांव में डायरिया के आतंक से भयभीत हैं। यही कारण है कि 80 घरों के गांव में अधिकांश घरों पर ताला लगा है। गांव वाले डायरिया के प्रकोप से पलायन होने को मजबूर है। गया के सिविल सर्जन डॉ रंजन कुमार सिंह ने बताया कि लालडीहा गांव में डायरिया फैलने की सूचना पर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है। चिकित्सकों की टीम गांव पहुंच कर कारणों को जानने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। निरीक्षण के दौरान गांव के चापाकल से निकलने वाली दूषित पानी और आहार में जमें पानी से डायरिया फैलने की आशंका जताया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग जल्द ही स्थिति पर नियंत्रण कर लिया जाएगा।