सारण: सारण जिले के इसुआपुर प्रखंड के महावीरी अखाड़ा में बीती रात आर्केस्ट्रा देखने पहुंची सैकड़ों की भीड़ से अचानक छज्जा गिर गया। इस हादसे में कई लोग घायल हो गए, जिन्हें प्राथमिक उचार के बाद घर भेज दिया गया। दरअसल, पारंपरिक महावीरी अखाड़ा मेला के अंतिम दिन विभिन्न गांवों से आए अखाड़ों का मिलन प्रखंड मुख्यालय स्थित बाजार में हो रहा था। इसे लेकर युवाओं में खासा उत्साह देखने को मिल रहा था। आयोजकों द्वारा मेले में भक्ति से मस्ती तक की व्यवस्था की गई थी। प्रखंड के लगभग दो दर्जन से अधिक गांवों में इस मेला को लेकर तैयारी की गई थी। पूरे गांव में डंके की ताल पर युवाओं द्वारा रणकौशल का पूर्वाभ्यास युद्ध स्तर पर कराया गया था। वहीं, अखाड़े में रात्रि मेला की रौनक बढ़ाने के लिए राज्य के कई नामी गिरामी आर्केस्ट्रा संचालकों को आमंत्रित किया गया था। जानकारी के मुताबिक, मंगलवार देर रात्रि को गांव में महावीरी जुलूस निकाला जा रहा था, जिसमें हजारों की संख्या में लोग आर्केस्ट्रा देख रहे थे।
तभी अचानक एक घर का छज्जा टूटकर गिर गया। प्रसिद्ध महावीरी मेला में छज्जा गिरने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। घटना बीती रात करीब दो बजे के आसपास की है। इस हादसे में कई लोगों को चोटें आईं, जिन्हें प्राथमिक इलाज के बाद घर भेज दिया गया। बताया जा रहा है कि इसुआपुर के ईश्वरपुर में महावीरी अखाड़ा मेला के दौरान अखाड़ा नंबर-1 के बाबा लालदास मठिया परिसर में टीन के शेड पर अनियंत्रित भीड़ बैठकर आनंद ले रही थी। तभी अचानक छज्जा गिरने से बीस से ज्यादा लोग घयाल हो गए। छज्जा गिरने की लाइव वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। हालांकि किसी के हताहत होने की आधिकारिक सूचना नहीं है। प्रखंड का पारंपरिक महावीरी अखाड़ा मेला भक्ति और मस्ती का कॉकटेल बना रहा। कही जय हनुमान तो कहीं भोजपुरी के द्विअर्थी संवाद वाले गानों की धूम रही। प्रखंड के विभिन्न गांवों से आए अखाड़ा का मिलन प्रखंड मुख्यालय स्थित बाजार में हुआ, जिसे लेकर युवाओं में खासा उत्साह देखने को मिल रहा था।
बताया जा रहा है कि डंके की ताल और अश्लील नृत्य वाले विभिन्न आर्केस्ट्रा की नर्तकियों के समक्ष रणकौशल का प्रदर्शन किया जा रहा था। वहीं, अखाड़े में रात्रि के दौरान मेला की रौनक बढ़ाने के लिए राज्य के कई नामी गिरामी म्यूजिकल ग्रुपों को देखने के लिए लाखों की भीड़ उमड़ पड़ी थी। हालांकि महावीरी मेला में शांति व्यवस्था के लिए प्रत्येक अखाड़े के साथ पुलिस बल के साथ ही दंडाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गई थी। वहीं, सांस्कृतिक कार्यकर्मों के नाम पर अश्लीलता और फूहड़ गानों पर पाबंदी के निर्देश के बावजूद प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष ही अश्लीलता परोसी गई और बार बालाओं ने जमकर ठुमके भी लगाए।