गया: गया के मुहाने नदी में अचानक जलस्तर बढ़ जाने से बिहार के गया जिले के तीन गांव में बाढ़ का पानी घुस गया। वहीं पानी की तेज बहाव में गांव की सड़कें भी बहा कर ले गया। पानी का तेज बहाव देख गांव वालों में दहशत का माहौल बन गया। यह पूरा मामला बोधगया के बसाढ़ी पंचायत के बतसपुर समेत तीन गांव की है। गया जिले के बोधगया प्रखंड के मुहाने नदी में सोमवार की शाम अचानक जलस्तर बढ़ जाने के वजह से कई गावों में बाढ़ का पानी घुस गया है। बोधगया के बसाढी पंचायत के घोघरियां, बतसपुर और छाछ गांव में बाढ़ का पानी घुसा है। पानी का बहाव इतना तेज था कि उस बहाव में की बतसपुर से कई गावों को जोड़ने वाला मुख्य सड़क मार्ग बह गया। बीते माह अगस्त में भी बतसपुर गांव में बाढ़ का पानी घुस जाने के कारण कई मकान क्षतिग्रस्त हो गया था। फिर पानी का तेज बहाव को देख गांव वालों के बीच दहशत माहौल बना हुआ है। मौसम विभाग ने गया समेत बिहार के कई जिलों और सीमावर्ती राज्य झारखंड में भी वर्षा की चेतावनी दिया गया था।
चेतावनी के बाद 24 से 48 घंटे तक लगातार विभिन्न स्थानों पर बारिश भी हो रही है। लगातार हो रही बारिश के कारण नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। दो दिनों से हो रही तेज बारिश के कारण मुहाने नदी का जलस्तर एक बार फिर अचानक बढ़ गया है। सोमवार की शाम से पानी का तेज बहाव और जल स्तर बढ़ने से धीरे–धीरे गांव में पानी घुसने लगा। मंगलवार की सुबह तक आधा गांव को बाढ़ का पानी ने अपनी चपेट में ले लिया है। बीते माह में हुई तबाही से ग्रामीणों के बीच दहशत का माहौल है। अचानक ऐसा देख गांव वाले सकते में पड़ गए है। ग्रामीणों ने बताया कि बतसपुर गांव के समीप मुहाने नदी पर डैम बनाया गया है। नदी के छोर पर गांव के सामने एक किलोमीटर तक बांध बन जाता तो गांव में बाढ़ का पानी नहीं घुसता और ना ही कुछ क्षति होती।
बोधगया पंचायत के बतसपुर गांव से हरली, मोराटाल, छोटकी बसाढ़ी समेत दर्जनों गांवों को जोड़ने वाली मुख्य सड़क मार्ग पानी के तेज बहाव में बह गया। सड़क टूट जाने के कारण कई ग्रामीण दूसरी ओर फंसे है। गांव में बढ़ते पानी से खेतो में लगे फसल का भी नुकसान हुआ है। गांव में पानी घुसने की सूचना के बाद समस्याओं के समाधान के लिए गया के डीएम डॉ. त्याग राजन एसएम ने आपदा एडीएम, सदर एसडीओ, बोधगया बीडीओ, सीओ और कृषि विभाग के टीम को गांव में जाने का निर्देश दिया है। पूरे स्थिति का आकलन करने का निर्देश दिया है। उन्होंने निर्देश दिया है कि गांव के पीड़ित लोगों को रात में ठहरने और खाने की पूरी व्यवस्था करवाएं। संबंधित गांव के प्राथमिक विद्यालय में कैंप बनाने का भी निर्देश दिया है।