- टीबी मरीजों के लिए सबसे महंगी दवा, एक डब्बे की कीमत 9 लाख रुपये
- एक टीबी मरीज को लगभग 12 लाख रुपए की दवा दी जाती है निःशुल्क
सासाराम : 21 जनवरी । सरकारी स्वास्थ सुविधा लोगों तक आसानी से पहुंचे इसके लिए राज्य सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार भी लगातार प्रयासरत है। जिसका नतीजा यह है कि सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ लोगों को सीधे मिल रहा और लोग इससे लाभान्वित हो रहे हैं। वहीं अब सरकारी अस्पताल में टीबी बीमारी के लिए दवाइयां भी उपलब्ध हो गई हैं। यह दवाइयां टीबी के मरीजों तक आसानी से पहुंच रही हैं। टीबी से पीड़ित मरीजों के लिए दी जाने वाली दवाइयों की बात करें तो यह दवाइयां इतनी महंगी हैं कि गरीब लोगों के साथ साथ साधारण लोगों के लिए निजी अस्पतालों इलाज कराना संभव नहीं है। लेकिन वहीं लाखों की दवाइयां टीबी मरीजों को सरकारी अस्पतालों में निःशुल्क प्रदान की जा रही है। उन्हीं दवाइयों में से एक दवाई बेडाक्यूलिन है, जिसकी कीमत नौ लाख के करीब है। यह दवाई एमडीआर टीबी से ग्रसित मरीजों को सरकारी अस्पतालों में नि:शुल्क प्रदान की जाती हैं।
सदर अस्पताल में उपलब्ध है टीबी की दवा बेडाक्यूलिन
टीबी से पीड़ित मरीजों को दी जाने वाली सबसे महंगी बेडाक्यूलिन नामक दवा पहले सासाराम सदर अस्पताल में उपलब्ध नहीं थी। वहीं अब इसकी उपलब्धता सासाराम सदर अस्पताल स्थित यक्ष्मा केंद्र में भी कर दी गई है। एमडीआर टीबी से पीड़ित लक्षण मरीज की बेडाक्यूलिन मुख्य दवा है। इस दवा के लिए मरीज को जिला यक्ष्मा केंद्र से रेफर करके गया भेजा जाता था। जहां उन्हें यह दवा मिल पाती थी। वहीं जिले में बढ़ते टीबी मरीज को देखते हुए अब यह सुविधा जिला यक्ष्मा केंद्र में भी प्रदान कर दी गई है। टीबी से पीड़ित मरीजों को अब सासाराम अस्पताल स्थित यक्ष्मा केंद्र में ही बेडाक्यूलिन आसानी से उपलब्ध हो जा रही है ।
12 लाख रुपए की दी जाती है निःशुल्क दवा
जिला यक्ष्मा केंद्र में कार्यरत डॉट प्लस टीबी एचआईवी जिला समन्वयक आदित्य आकाश ने बताया कि एमडीआर टीबी से पीड़ित मरीज को लगभग 12 लाख रुपए की दवा नि:शुल्क प्रदान की जाती है। सबसे महंगी दवा बेडाक्यूलिन है, जिसके एक डब्बे की कीमत 9 लाख रुपये है। उन्होंने बताया कि एक मरीज को एक डब्बा दवा प्रदान की जाती है। जिसमें 188 टेबलेट्स होती है, जो पूरे 6 महीने की डोज होती है। उन्होंने बताया कि पहले मरीजों को यह दवा गया से प्राप्त हो पाती थी , लेकिन अब उन्हें यहीं मिलना शुरू हो गया है। इसके अलावा कई अन्य दवाइयां पूरी तरह से निःशुल्क प्रदान की जाती हैं । आदित्य आकाश ने बताया कि सभी दवाइयों की कीमत तकरीबन 12 लाख के आसपास है। जो जिले में टीबी से पीडित मरीजों को सरकार द्वारा निःशुल्क प्रदान की जाती है। उन्होंने बताया कि यह दवा सरकारी अस्पताल के यक्ष्मा केंद्र में छोड़कर कहीं उपलब्ध नहीं है।
मरीजों को मिल रही हैं बेहतर सुविधाएं
रोहतास के सिविल सर्जन डॉ के एन तिवारी ने बताया कि सदर अस्पताल में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करायी जा रही है। इसलिए अलावा सभी जांच , दवाइयां भी मरीजों को निःशुल्क उपलब्ध हैं । इस वजह से सरकारी अस्पताल में लोगों की भीड़ बढ़ रही है। सिविल सर्जन ने बताया कि आने वाले समय में सदर अस्पताल में अन्य कई विभागों में सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं , इसके लिए कार्य जारी है।