- विदेश में एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी करने के बाद भारत में प्रक्टिस के लिए यह टेस्ट है जरूरी
सासाराम। रोहतास जिले के युवाओं में प्रतिभा की कमी नहीं है। अगर मौका मिले तो यहाँ के युवा देश ही नहीं विदेश में भी अपने जिले व राज्य का झंडा गाड़ सकते हैं। खेल का क्षेत्र हो या फिर शिक्षा का क्षेत्र सभी में रोहतास जिले के युवा अपने जिले का नाम रोशन कर रहे हैं। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है सासाराम प्रखंड के गरुण पंचायत अंतर्गत झलखोरिया गांव निवासी राजू कुशवाहा के पुत्र डॉक्टर ऋषिकेश आनंद मौर्या एवं तिलौथू प्रखंड के पतलूका पंचायत अंतर्गत पतलुका गांव के राम प्रयाग सिंह के पुत्र अजीत कुमार ने। बता दे कि दोनों युवकों ने मेडिकल काउंसलिंग ऑफ इंडिया स्क्रीनिंग टेस्ट के प्रथम प्रयास में ही सफलता हासिल कर लिया है। बताते चलें कि मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया स्क्रीनिंग टेस्ट को फॉरेन मेडिकल ग्रैजुएट्स एग्जामिनेशन (एफएमजीई) के नाम से भी जाना जाता है। यह टेस्ट वैसे मेडिकल के छात्रों के लिए जरूरी हो जाता है जो दूसरे देशों में रहकर मेडिकल की पढ़ाई पूरी करते हैं। भारत में प्रैक्टिस करने के लिए मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया स्क्रीनिंग टेस्ट को पास करना होता है। उसके बाद ही भारत में प्रैक्टिस के लिए अनुमति प्रदान की जाती है।
बता दे कि झलखोरिया ग्राम निवासी ऋषिकेश आनंद मौर्या ने जलालाबाद स्टेट यूनिवर्सिटी किर्गिस्तान से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी किया है, तो वही पतलूका निवासी रामप्यारे सिंह के पुत्र अजीत कुमार ने एमबीबीएस की पढ़ाई पोस्ट स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी किर्गिस्तान से किया है। दोनों युवकों की प्रारंभिक पढ़ाई रोहतास जिले से ही हुई है। जबकि दोनों ने एमबीबीएस की पढ़ाई किर्गिस्तान से पूरा किया है। वही दोनों युवकों द्वारा एमसीआई क्वालीफाई करने के बाद उनके परिवार और गांव में खुशी का माहौल देखा जा रहा है। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया स्क्रीनिंग टेस्ट में 186 अंक लाने वाले झलखोरिया ग्राम के ऋषिकेश आनंद मौर्या ने बताया कि वह भारत के अच्छे मेडिकल कॉलेज से प्रैक्टिस करने के बाद अपने होमटाउन में बसना चाहते हैं और अपने जिले के लोगों की सेवा करना चाहते हैं।