- कोरिया से निकला दल पैदल यात्रा कर पहुंचेगा नेपाल के लुंबिनी
चेनारी। दक्षिण कोरिया से 108 बौद्ध भिक्षुओं का दल महात्मा बुद्ध की हजारों साल पुरानी अस्थि लेकर बुधवार को रोहतास जिले के चेनारी प्रखंड अंतर्गत बेनी सिंह महाविद्यालय के प्रांगण में पहुंचा। इस दौरान रोहतास जिले में आगमन के साथ ही लांजी नहर के समीप महात्मा बुद्ध के अनुयायियों के साथ साथ चेनारी प्रखंड के जनप्रतिनिधियों ने उनका स्वागत किया। कोरिया से आए सभी भिक्षु काफी प्रसन्न दिखे। एक-दूसरे से परिचय प्राप्त करते हुए यहां के लोगों को दक्षिण कोरिया आने का निमंत्रण भी बौद्ध भिक्षुओ ने दिया।
बौद्ध भिक्षुओ के अनुसार विश्व में शांति की कामना, कोविड-19 जैसी महामारी का पुनर्जन्म ना हो एवं भारत-कोरिया के व्यापारिक तथा संस्कृति संबंधों के 50 वीं वर्षगांठ पूरा होने पर कोरियाई बौद्ध भिक्षुओं का दल पूजा अर्चना व प्रार्थना करने के लिए 12 सौ किलोमीटर की पदयात्रा पर निकला है। यह 12 किलोमीटर की पदयात्रा कुल 43 दिनों में बौद्ध भिक्षुओं द्वारा तय किया जाएगा। बौद्ध भिक्षुओं के दल में 108 तीर्थयात्री के साथ 30 भारतीय व्यवस्थापक दल व साथ में विदेशी मीडिया भी मौजूद रही। इधर कोरियाई बौद्ध भिक्षुओं का दल बुधवार की सुबह 9 बजे बेनी सिंह महाविद्यालय के प्रांगण में पहुंचा जहां खुले मैदान में विश्राम किया।
कोरियाई बौद्ध भिक्षुओं की सुरक्षा को लेकर सुबह से ही कॉलेज के प्रांगण को बंद कर दिया गया था। वहां पर भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी इस दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। सांगवोल सोसाइटी की ओर से तीर्थयात्रा पर भेजे गए बौद्ध भिक्षुओं का दल नेपाल के लुंबनी तक पैदल जाएंगे और हर 25 किमी. की दूरी पर विश्राम करेंगे। जहां उनकी सुरक्षा, सुविधा व विधि-व्यवस्था में प्रशासनिक अफसरों की टीम के अलावा मेडिकल टीम भी तैनात की गई है।