नासरीगंज। नगर स्थित ऐतिहासिक मदरसा मोईनुल-गुर्बा में गुरुवार की रात सालाना इजलास (वार्षिक सम्मेलन) का अयोजन किया गया। इसकी सदारत (अध्यक्षता) हजरत मौलाना शरफुद्दीन ने की। जबकि मुख्य अतिथि के तौर पर इमारत शरीया फुलवारीशरीफ, पटना के मुफ्ती मौलाना ओबैदुल्लाह उपस्थित रहे। इस दौरान मदरसे की कमेटी ने यहां तालीम पा रहे बच्चों का रिपोर्ट कार्ड जारी किया गया। साथ ही लोगों ने संस्थान को होने वाले पूरे वर्ष के आय-व्यय का लेखा-जोखा आम लोगों के समक्ष प्रस्तुत किया। मुफ्ती ओबैदुल्लाह ने इजलास को संबोधित करते हुए कहा कि मुस्लिम नौजवानों को चाहिए कि वे दीन की तरफ रुजू करें। और शरीयत के मुताबिक जिंदगी गुजारें। इसलिए कि दीन के रास्ते पर चल कर ही हम समाज और मुल्क की खिदमत का तरीका समझ सकते हैं।
उन्होंने 1920 से कायम मदरसा मोईनुल-गुर्बा के मुआशरे के लिए किये जा रहे कामकाज और बच्चों को निस्वार्थ भावना से शिक्षा मुहैया कराए जाने की भी सराहना की। इसके पूर्व कार्यक्रम की शुरूआत छात्र मो० इमरान आलम की तिलावते कुरान से की गई। बच्चों ने नातिया कलाम भी पेश किये। मंच का संचालन हाफिज फिरोज आलम ने किया। मौके पर मदरसे के सेक्रेटरी मौलाना रिजवान, मौलाना नसीरुद्दीन हलीमी, हाफिज अकबर, मौलाना गुलाम रसूल, मुफ्ती सरवर आलम कासमी, कारी सफीर, हाफिज कमालुद्दीन, हाजी गुलाम मुस्तफा, मौलाना महमूद, मो०इसराफिल, मोजमिल आलम,एजाज आलम, सोहैब अख्तर,शमीम आलम, नसीम आलम, असगर कलीम, मो० शाकिर आलम और कवि नासेह नासरीगंजवी एवं काफी संख्या में लोग उपस्थित थे।