सासाराम। बुद्ध के संदेशों को अपनाने से ही होगा समाज से भेदभाव का अंत किया जा सकता है। इसलिए बुद्ध के बताए मार्ग पर चले। उक्त बातें राज्य के भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री आलोक मेहता ने रविवार को शिवसागर प्रखंड के सोनहर गांव में आयोजित 16bवें बुद्ध महोत्सव में ”धम्मा अशोक” की प्रतिमा अनावरण के बाद उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कही।इससे पूर्व कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ बुद्ध वंदना हुई तत्पश्चात विभिन्न देशों से आये बौद्ध भिक्षुओं के सानिध्य में धम्म चर्चा की गयी। इसके बाद राष्ट्रीय ध्वज का आरोहण पिछड़ा आयोग के अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह कुशवाहा ने किया जबकि पंचशील ध्वजारोहण बुद्ध विहार के संस्थापक भंते असजी ने किया।
महामानव बुद्ध की आदमकद प्रतिमा का अनावरण पूर्व मंत्री श्रीभगवान सिंह कुशवाहा ने किया। ”वर्तमान परिवेश में मानव कल्याण के लिए तथागत बुद्ध के संदेश” परचर्चा में भाग लेते हुए पूर्व मंत्री भगवान सिंह ने कहा कि बुद्ध का मतलब शिक्षा होता है। वह शिक्षा जो वैज्ञानिक व तार्किक सोच पैदा करे। पूर्व मंत्री ने दहेजमुक्त समाज के लिए वहां उपिस्थत जनसमूह विशेषकर महिलाओं से सहयोग मांगा। उन्होंने संविधान को सर्वोपरि रखने एवं उसमें प्रदत अधिकारों के प्रयोग पर बल दिया। पूर्व विधायक श्याम बिहारी राम ने तथागत बुद्ध के सिद्धांतों को दिल से अपनाने पर जोर देते हुए कहा कि जब हमारे जन्म व मृत्यु का स्वरूप एक है तो बाहरी स्तर पर ऊंच-नीच की भावना को मिटाना होगा। ऐसा करना बुद्धिज्म के बिना नहीं संभव नहीं है।
वही कार्यक्रम में पहुंची सासाराम नगर निगम की उपमेयर सत्यवंती देवी ने महिलाओं को कुप्रथा व कर्मकांडों से दूर रहकर शिक्षा की ओर अग्रसर होने का आह्वान किया। पूर्व नप पार्षद चंद्रशेखर सिंह ने जिले के विभिन्न स्थानों पर पुस्तकालय की स्थापना तथा बुद्ध विहारों के विकास पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि बुद्ध विहार वास्तव में शिक्षा के केंद्र होते हैं, न कि प्रार्थना स्थल।