सासाराम। भविष्य निधि की राशि किसी भी कर्मचारी के विषम परिस्थितियों में बहुत ही मददगार साबित होती है। जब व्यक्ति कार्य करने में सक्षम नहीं होता है अथवा कोई ऐसी घटना हो जाए जिससे उसके परिवार को परेशानी आ जाए, उस परिस्थिति में भविष्य निधि की राशि डूबते हुए को तिनके का सहारा साबित होती है। उपरोक्त बातें आज गोपाल नारायण सिंह विश्वविद्यालय ,जमुहार के सभागार में आयोजित एक दिवसीय सेमिनार में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के पदाधिकारियों ने कही। इस अवसर पर संस्थान के सचिव गोविंद नारायण सिंह भी उपस्थित थे। भविष्य निधि संगठन के सहायक आयुक्त एसएस साहा, इंफोर्समेंट ऑफिसर राजेश कुमार रंजन एवं सामाजिक सुरक्षा पदाधिकारी प्रकाश कुमार और ई एस आई सी के सचित कुमार ने वहाँ उपस्थित लोगों को उनकी समस्याओं का समाधान किया।
अधिकारियों ने कार्यक्रम में उपस्थित कर्मचारियों को आश्वस्त किया कि उनकी राशि पूर्ण रूप से सुरक्षित रहती है तथा ब्याज आदि जोड़कर पेंशन के रूप में भी उन्हें उपलब्ध कराई जाती है। कर्मचारियों के बुरे समय में भविष्य निधि की राशि संजीवनी के रूप में काम आती है इसलिए इसे हर प्रकार से चालू रखना चाहिए ।अगर कर्मचारी एक स्थान से दूसरे स्थान भी जाते हैं तो उनका वही नंबर काम आता है तथा उनका भविष्य निधि खाता चालू रहता है। अधिकारियों ने बताया कि 58 वर्ष की उम्र के बाद कर्मचारी पेंशन के हकदार हो जाते हैं तथा किसी भी परिस्थिति में उन्हें अथवा उनके परिवार को यह राशि उपलब्ध हो जाती है। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कर्मचारियों के अलावे रोहतास जिले के विभिन्न संस्थानों के लोगों ने यहां आकर अपनी समस्या का समाधान कराया तथा अपनी शिकायतें दर्ज कराई।