नासरीगंज/रोहतास : नगर के बड़ी बाजार रोड में हैनिमैन होमियो हॉल के प्रांगण में हर्षोल्लास के साथ विश्व होम्योपैथी दिवस और डॉक्टर हैनिमैन की 268 वीं जयंती मनाई गई।। कार्यक्रम की अध्यक्षता होमियोपैथी चिकित्सक डॉ०अमरेंद्र कुमार ने किया। कार्यक्रम की शुरुआत उनके तैल चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई। इस अवसर पर होमियोपैथी की वर्तमान स्थिति तथा इसके भविष्य पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि पूरे विश्व में होमियोपैथिक चिकित्सा की तरफ रूझान बढ़ा है। मॉडर्न पैथी की जगह अब आयुष का वर्चस्व होने वाला है। इस बात को सरकार भी समझ चुकी है। होमिपैथी के क्षेत्र में हो रहे परिवर्तन को उन्होंने विशेष तौर पर रेखांकित किया। होमियोपैथी के जनक डॉ फ्रेडरिक सैमुएल हैनिमैन का जन्म जर्मनी के मेसन प्रान्त में 1755 ईस्वी को हुआ था। डॉ हैनिमैन स्वयं एक एलोपैथिक चिकित्सक भी थे जिन्होंने यह महसूस किया कि अंग्रेजी दवाएं मनुष्य की जीवनी शक्ति को नष्ट कर देती हैं। मूल रोग नष्ट होने की बजाय दब जाता है। इससे प्रेरित होकर डॉ हैनिमैन ने विषस्य विषमौषधम् के आधार पर होमियोपैथिक औषधियों का निर्माण किया। जिनका प्रयोग स्वस्थ मनुष्य के शरीर पर किया गया। जब कि आज भी एलोपैथिक दवाओं का प्रयोग पहले जन्तुओं पर किया जाता है। यही वजह है कि होमियोपैथिक दवाएं सर्वथा निरापद होती हैं। इस मौके पर रिंकू कुमार सिंह, विजय सिंह, धर्मेंद्र चौधरी, तुषार राज, प्रिंस कुमार, अमन कुमार समेत कई लोग मौजूद थे।
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