सासाराम। वेदाश्रम गीता घाट में चल रही शिव महापुराण कथा ज्ञान यज्ञ के चौथे दिन रविवार को हरिद्वार से पहुंचे ब्रह्मचारी स्वामी प्रेमानंद महाराज ने अपने प्रवचन में शिव महिमा का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि माया और काया से ऊपर उठकर ही सदाशिव का साक्षात्कार अंतरात्मा में किया जा सकता है। बेल वृक्ष की महिमा सुनाते हुए स्वामी ने कहा कि शिव महापुराण के अनुसार यदि किसी बेल वृक्ष के नीचे शिवभक्त या संत को भाव से भोजन कराता है तो उसे एक करोड़ मनुष्यों को भोजन कराने का फल प्राप्त होता है जिसके पुण्य से दरिद्र से दरिद्र व्यक्ति भी दरिद्रता से मुक्त हो जाता है।भगवान अपने भक्तों को सदा याद रखते हैं ।अगस्त्य मुनि काशी में निवास किया करते थे जब काशी छोड़कर दक्षिण भारत की यात्रा पर पहुंचे तो भगवान शिव सती के साथ उनसे भेंट करने पधारे। राम कथा सुनी।सती के भीतर अभिमान था इसलिए अगस्त्यमुनि का सत्संग धारण नहीं हो पाया।
भगवान शिव ने बड़े प्रेम से कथा सुनी सती ने भगवान शिव पर संदेह किया उसका परिणाम हुआ उन्हें भगवान शिव ने त्याग दिया। उन्होंने कहा कि संतो, गुरुजनों की अवहेलना करने पर जीव का पतन होता है। अतः संत गुरुजनों की बात भगवान की आज्ञा समझकर पालन करें। श्री गीता घाट भगवान के निर्वाण दिवस के अवसर पर बाबा से जुड़े भक्तों और संतों ने भी अपने अपने उद्गार प्रकट किये और धूमधाम से भंडारे के साथ बाबा का निर्वाण उत्सव मनाया।संत भक्त बाबा की कृपा की चर्चा करते हुए भाव विभोर हो गए।