Author: Mithilesh Singh

पटना : महात्मा गांधी भोले-भाले भारतीयों को बहला फुसलाकर धर्मांतरण कराए जाने के सख्त खिलाफ थे। महात्मा गांधी का दर्शन इसकी कभी इजाजत नहीं देता था।उन्होने कहा था कि मैं विश्वास नहीं कर सकता कि एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति का धर्मांतरण करे। दूसरे के धर्मों को कम करके आंकना ऐसा प्रयास कभी नहीं होना चाहिए। जिस तरह भारत और अन्य देशों में धर्मांतरण का कार्य चल रहा है मेरे लिए उससे सहमति रखना असंभव है। यह विश्व में शांति की स्थापना में सबसे बड़ा अवरोध है । विवेकानंद ने कहा था धर्मांतरण से रष्ट्रांतरण होता है । प्रायः बिहार…

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